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घड़ा कैसा बने?-इसकी एक प्रक्रिया है। कुम्हार मिटटी घोलता, घोटता, घढता व सुखा कर पकाता है। शिशु, युवा, बाल, किशोर व तरुण को संस्कार की प्रक्रिया युवा होते होते पक जाती है। राष्ट्र के आधारस्तम्भ, सधे हाथों, उचित सांचे में ढलने से युवा समाज व राष्ट्र का संबल बनेगा: यही हमारा ध्येय है। "अंधेरों के जंगल में, दिया मैंने जलाया है। इक दिया, तुम भी जलादो; अँधेरे मिट ही जायेंगे।।" (निस्संकोच ब्लॉग पर टिप्पणी/अनुसरण/निशुल्क सदस्यता व yugdarpan पर इमेल/चैट करें, संपर्कसूत्र- तिलक संपादक युगदर्पण
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Thursday, July 31, 2014

मीडिया और इस्लाम का रोजा फंडा.....

मीडिया और इस्लाम का रोजा फंडा.....
टूट जाता है...टूट जाता है....
जो रोज़ा 6 वर्ष की बच्ची से मस्जिद में बलात्कार करने से नहीं टूटता ?
औरतों और बच्चों की हत्या व रक्त पात, चोरी-छिनारी और सारे कुकर्म करने, हिन्दू धार्मिक स्थलों के अपमान में अर्थात विश्व के किसी भी कुकर्म से इस्लाम में रोजा नहीं टूटता ? न मौलवियों के लिए न उनके शर्मनिरपेक्ष पिट्ठू नेताओं तथा बिकाऊ मैकालेवादी, मुल्लावादी, शर्मनिरपेक्ष मीडिया के लिए, रोटी के एक निवाले से टूट जाता है
टूट जाता है...टूट जाता है....कैसे इनका रोज़ा टूट जाता है ? रोटी के एक निवाले से टूट जाता है
*इस्लाम में रोजा 6 वर्ष की बच्ची से मस्जिद में बलात्कार करने से नहीं टूटता ?
*रोजा रक्त पात, औरतों और बच्चों की हत्या से भी नहीं टूटता... जैसा कि ईराक में हो रहा है और अधिक पाकिस्तान और हिन्दुस्तान में इन मुल्लों का नंगा नाच तो कहीं भी देखने को मिल जाता है
*रोजा चोरी-छिनारी और सारे कुकर्म करने के बाद झूठ बोलने से भी नहीं टूटता?
*हिन्दुओं पर हमला करने से, हवन कुंद में पेशाब करने से, हिन्दू धार्मिक स्थलों में आगजनि करने से, शिवलिंग को ठोकर मारने से भी इन मुल्लों के रोजे नहीं टूटते, जैसा सब इन्होने अमरनाथ यात्रा में किया ?
*उत्तम व्यंजन के लिए उचित राशि लेकर पैसों के लालच में बेईमानी करके घटिया खाद्य सामग्री देकर धोखाधड़ी से भी रोजा नहीं टूटता ?
अर्थात विश्व के किसी भी कुकर्म से इस्लाम में रोजा नहीं टूटता....? पर मुह पर रोटी लगने से रोजा टूट जाता है..... और हमारी मीडिया का रोजा किसी हिन्दू पर अत्याचार से नहीं टूटता, पर मुल्लों पर इनका भी रोजा टूट जाता है? क्या हमारा मैकालेवादी मीडिया भी, मुल्ला मुलायम की राह चल, मुल्लावादी हो गया है ?
वन्देमातरम, मेरी इस मित्र मंडळी मे आपका हार्दिक स्वागत है। इस देश को लुटने से बचाने तथा बिकाऊ मैकालेवादी, शर्मनिरपेक्ष मीडिया का एक मात्र सार्थक, व्यापक, विकल्प युगदर्पण 13 वर्ष से सतत संघर्षरत। YDMS की विविधता, व्यापकता व लेखन का परिचय: युगदर्पण मीडिया समूह YDMS में राष्ट्रवाद के विविध विषय के 25 ब्लाग, 5 चेनल, orkut, FB, ट्वीटर etc सहित एक वेब भी है।
आइयें, हम सब मिलकर बिकाऊ मैकालेवादी, मुल्लावादी, शर्मनिरपेक्ष मीडिया को परास्त कर सकते हैं। -तथा "राष्ट्र वादी मीडिया" उसका विकल्प बन सकता है। 
"वन्देमातरम" को अपना मंत्र बनायें। अँधेरे के साम्राज्य से बाहर का एक मार्ग…remain connected to -युगदर्पण मीडिया समूह YDMS. तिलक रेलन 9911111611,
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भारतीय संस्कृति की सीता का हरण करने देखो | छद्म वेश में फिर आया रावण |
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"अंधेरों के जंगल में, दिया मैंने जलाया है |
इक दिया, तुम भी जलादो; अँधेरे मिट ही जायेंगे ||"- तिलक

Wednesday, July 30, 2014

सहारनपुर का सच

सहारनपुर का सच
सन्1948 तक ये भूमि एक मुस्लिम परिवार की थी। सन् 1948 के आसपास एक अग्रवाल परिवार को बेच दी गई। सन् 2001 मे उस अग्रवाल परिवार ने इसे सिख गुरुद्वारा साहिब प्रबंधन को बेच दी। स् न2010 मे काम चालू हुआ और 2014 मे जब छत डाली जा रही थी, तभी वहां के एक मुस्लिम कांग्रेसी पार्षद वहां विरोध के लिए गया और अगले दिन सुबह उसने पास की मस्जिद से फरमान जारी कर 10000 मुसलमानों को इकट्ठा कर भडकाऊ भाषण दिया था। उस के बाद उसने भीड के साथ गुरूद्वारा के आस पास प्राय: 150 दुकानों को लूटने के बाद कई दुकानों में आग लगाई। कई वाहनों में आग लगाई और यह सब प्राय: 2 -3 घन्टे चला। 
जब सिख समुदाय सामने आया तो अखिलेश मुलायम सिंह यादव की मुल्लावादी सरकार सामने आई। जो पुलिस 2-3 घन्टे से सो रही थी। वह सिख समुदाय को रोकने के लिए जाग गई और तुरंत कर्फ्यू लगा दिया और मुसलमानों को बचाया । जिस कांग्रेसी पार्षद ने ये कराया, वह दिल्ली के इमाम बुखारी का सम्बन्धी (रिश्तेदार) है। इस लिए उसे बचाया जा रहा है। ये हैं सच्चाई सहारनपुर की। 
2002 के निर्दोष मोदी पर जिस प्रकार 10 -12 वर्ष प्रहार हुए, अब उ प्र में वास्तविक अपराध के मामले में नकारात्मक मीडिया को सांप क्यों सूंघ गया है? पक्षपाती नकारात्मक मीडिया की वह धार, अब कुंद क्यों पड़ गई ?
वन्देमातरम, सफल श्रेष्ठ प्रयास के लिए बहुत बहुत बधाई,
नकारात्मक मीडिया के सकारात्मक व्यापक विकल्प का सार्थक संकल्प
-युगदर्पण मीडिया समूह YDMS- तिलक संपादक 7531949051, 9911111611
"अंधेरों के जंगल में, दिया मैंने जलाया है | इक दिया, तुम भी जलादो; अँधेरे मिट ही जायेंगे ||"- तिलक

Saturday, July 26, 2014

कारगिल विजय दिवस:

कारगिल विजय दिवस: 
Photo: कारगिल विजय दिवस: युद्ध के 15 साल पूरे होने के मौके पर आइए आज सेना के शहीदों को करें श्रद्धासुमन अर्पित। 

सरहद पर तैनात ऐसे भाइयों को जो देश के रक्षा के लिए अपने प्राणों की भी आहुति देने के लिए सदा रहते है तैयार; इस रक्षा बनधन भेजें उन्हें राखी - http://goo.gl/m3J93Oकारगिल विजय दिवस: युद्ध के 15 वर्ष पूरे होने के पर, आइए आज सेना के शहीदों को करें श्रद्धासुमन अर्पित। 
देश के रक्षा के लिए, सीमा पर अपने प्राणों की भी आहुति देने के लिए सदा तत्पर सैनिकों को यह सन्देश भेज रहा है सारा देश, जैसे तुम देश का ध्यान रखते हो तुम्हारे परिवारों का वैसे ध्यान रखेगा देश; तो इस रक्षा बन्धन पर भेजें उन्हें भी राखी। - युग दर्पण 
यह राष्ट्र जो कभी विश्वगुरु था, आज भी इसमें वह गुण,
योग्यता व क्षमता विद्यमान है | आओ मिलकर इसे बनायें; - तिलक
विश्वगुरु रहा वो भारत, इंडिया के पीछे कहीं खो गया |
 इंडिया से भारत बनकर ही, विश्व गुरु बन सकता है; - तिलक
"अंधेरों के जंगल में, दिया मैंने जलाया है |
इक दिया, तुम भी जलादो; अँधेरे मिट ही जायेंगे ||"- तिलक